69000 Shikshak Bharti News: आज फिर 4 साल बाद 69000 शिक्षक भर्ती का जिन्न जाग गया है क्यूंकि आज माननीय उच्च न्यायलय ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि पुरानी शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट को रद्द करते हुए तीन महीने के अन्दर एक नयी सूचि जारी करने के निर्देश दिए हैं जिसमें पूर्व में की गयी आरक्षण के नियमों में अनियमितता को देखते हुए कहा गया है कि आरक्षण के नियमों और बेसिक शिक्षा नियमावली के तहत सूचि जारी किये जाएँ |
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क्या है पूरा मामला : 69000 Shikshak Bharti News
उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव जब मुख्यमंत्री थे तब उस समय 1 लाख 37 हजार शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षक रूप में समायोजित कर दिया गया और उनको सामान्य मासिक वेतन भी मिलने लगे | परन्तु यह ज्यादा दिन नहीं चल सका चुनाव के उपरांत अखिलेश जी की सरकार गिर गयी और श्री आदित्य नाथ योगी जी प्रदेश के मुख्य मंत्री पद भर ग्रहण किया फिर राज्य सरकार के द्वारा उच्च नायालय में शिक्षामित्रों को अवैध नियुक्ति के रूप में चुनौती दी गयी | माननीय उच्च न्यायलय ने शिक्षा मित्रों को सहायक शिक्षक के रूप में समायोजन को गलत पाया और उनकी सहायक शिक्षक के रूप में नियुक्ति को रद्द कर दिया गया | फिर राज्य सरकार को 1 लाख 37 हजार सहायक शिक्षक पदों को भरने के लिए राज्य सरकार को निर्देश जारी किया गया | तदुपरांत राज्य सरकार ने कहा कि एक बार में यह भर्ती नहीं कर सकते तो इस भर्ती को दो बार में आयोजित कराने की बात स्वीकार्य किया गया |
69000 Shikshak Bharti News
1 लाख 37 हजार पदों का दो बार परीक्षा
राज्य सरकार ने माननीय उच्च न्यायलय के निर्देशानुसार 1 लाख 37 हजार सहायक शिक्षक के पदों पर नियुक्ति के लिए दो बार परीक्षा का आयोजन कराया गया पहली परीक्षा 2018 में 68500 पदों पर लिखित परीक्षा के रूप में भर्ती कराया गया जिसमें भी पेपर चेक करने में अनियमितता के धांधली के आरोप लगे थे | दूसरी परीक्षा का आयोजन 2019 में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती के रूप में आयोजन कराया गया जिसका फैसला आज माननीय उच्च नायालय के द्वारा मेरिट सूचि रद्द कर नयी सूचि जरी करने का आदेश जारी किया गया है |
शिक्षा मित्रों की नियुक्ति का मामला
फिर शिक्षा मित्रों ने भी उच्च न्यायलय में अपील किए गया की हम लोगो का क्या होगा ? तब उच्च न्यायलय ने शिक्षा मित्रों को कहा कि रिक्त हुए 1 लाख 37 हजार पदों के लिए आप सभी आवेदन कर सकते हैं और आप सभी को अलग से 25 अंको का अधिभार भी दिया जायेगा |
विवाद की वजह क्या थी
69000 शिक्षक भर्ती दिनांक 6 जनवरी 2019 को संपन्न की गयी जिसकी मेरिट कट ऑफ सामान्य वर्ग के लिए 67.18% और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 66.73% थी | लेकिन बाद में पता चला कि मेरिट बनाते समय बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 और आरक्षण के नियमों का पालन नहीं किया गया | 69000 भर्ती के अभ्यर्थी जो इस विरोध के साथ आंदोलन के लिए सड़क पर उतरे, उनका कहना था कि इस नियमावली में साफ है कि कोई ओबीसी वर्ग का अभ्यर्थी अगर अनारक्षित वर्ग की श्रेणी में अगर नंबर पाता है तो उसका चयन अनारक्षित वर्ग में होना चाहिए यानि वह आरक्षण वर्ग के दायरे में नहीं गिना जायेगा |
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अन्य पिछड़ा वर्ग के पदों में अनियमितता
इसके बाद से 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में आंदोलनरत अभ्यर्थियों ने दावा किया कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में ओबीसी वर्ग को 27% की जगह मात्र 3.86% आरक्षण मिला यानी ओबीसी वर्ग को 18598 सीट में से मात्र 2637 सीट मिलीं. जबकि उस वक्त सरकार का कहना था कि करीब 31 हजार ओबीसी वर्ग के लोगों की नियुक्ति की गई | ओबीसी वर्ग के जिन 31 हजार लोगों को नियुक्ति दी गई है, उनमें से करीब 29 हजार अनारक्षित कोटे से सीट पाने के हकदार थे. सही मायने में अन्य पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत आरक्षण केवल 2637 सीट पर हई बाकि के अन्य पिछड़ा वर्ग के पदों पर आरक्षण की अनियमितता बरती गयी | इसको लेकर वह हाईकोर्ट भी गए और राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग में भी शिकायत किया गया | राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग ने भी आरक्षण के नियमों के अनुसार नियुक्ति करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया था |
अनुसूचित जाती के वर्ग के पदों में अनियमितता
साथ ही साथ अभ्यर्थियों का आरोप यह भी है कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में से एससी वर्ग को भी 21% की जगह मात्र 16.6% आरक्षण मिला. अभ्यर्थियों ने दावा किया कि 69 हजार शिक्षकों अभ्यर्थियों ने दावा किया कि 69 हजार शिक्षकों की भर्ती में करीब 19 हजार सीटों का घोटाला हुआ है |
कार्यरत शिक्षकों का क्या होगा ?
69000 Shikshak Bharti News: अब बड़ा सवाल यह आता है कि नयी सूचि के अनुसार जो शिक्षक प्रभावित होंगे उनका क्या ? माननीय उच्च न्यालय ने कहा है कि जब तक नयी प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती तब तक प्रभावित शिक्षक पूर्ववत सेवा देते रहेंगे जिससे बचों का यह सत्र में कोई बाधा नहीं उत्पन्न हो |
एक और भर्ती जो अभी तक खाली पदों को भरा नहीं गया है
यह बात है उत्तर प्रदेश राज्य सरकार के द्वारा जारी 29800 पदों पर जूनियर शिक्षकों की भर्ती परीक्षा के उपरांत कई चरणों में नियुक्ति करायी गयी | परन्तु लगभग 6 हजार से लेकर 8 हजार पद रिक्त रह गए थे जिसका काउन्सलिंग अभी तक नहीं कराया गया | बहुत सारे अभ्यर्थियों ने न्यायलय में गुहार लगायी और माननीय उच्च न्यायलय ने 2019 में ही 6 महीने में खाली पदों को भरने का आदेश जारी किया गया परन्तु राज्य सरकार ने अभी तक उस भर्ती को पूरा नहीं करा पाई |