What is Share Market? ये सवाल सभी के मन में रहता है जब तक की इसमें निवेश नहीं किये हो परन्तु आज हम शेयर बाजार के बारे में सबकुछ बताएँगे जो सभी को जानना आवश्यक है | शेयर बाजार (Share Market) एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जहाँ पर कंपनियों के शेयरों (Stocks) की ख़रीद-फरोख़्त की जाती है। जब कोई कंपनी अपनी हिस्सेदारी जनता को बेचना चाहती है, तो वह अपने शेयर बाजार में लिस्ट करती है, और आम लोग उन शेयरों को ख़रीद सकते हैं। भारतीय शेयर बाजार एक महत्वपूर्ण आर्थिक संस्था है जो निवेशकों और कंपनियों के बीच पूंजी के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करती है।
Table of Contents: What is Share Market
शेयर बाजार दो प्रकार के होते हैं
प्राथमिक बाजार: (Primary Market)
जब कोई भी कंपनी जिस बाजार से पूंजी संग्रह करने के लिए आम जनता को प्रत्यछ रूप से शेयर जारी करती है तो उस बाजार को प्राथमिक शेयर बाजार कहते हैं | प्राथमिक बाज़ार में 3 प्रकार से शेयर जारी किये जाते हैं |
- IPO (Initial Public Offering): जब भी कोई कम्पनी पहली बार आम जनता को शेयर जारी करती है तो इसे IPO कहा जाता है |
- FPO (Follow-up Public Offering): कोई कम्पनी FPO तब जारी की जाती है जब वो कम्पनी पहले IPO जारी कर चुकी हो | ये भी आम जनता के लिए जारी किया जाता है |
- Right Issues: जब कोई कम्पनी IPO जारी करने के बाद फिर से बाजार से पूंजी इकठ्ठा करना चाहती है तो आम जनता के बजाय Pre Existing Shareholder को शेयर Re-issue किया जाए तो इसे Right Issues कहा जाता है |
नोट- IPO किसी भी कम्पनी के जीवन काल में एक ही बार IPO जारी किया जाता है |उसके बाद वो FPO या Right Issues जारी कर सकती है |
द्वितीयक बाजार (Secondry Market):
द्वितीयक बाजार वो बाजार है जहाँ पर जनता से जनता के बिच शेयर की खरीद बिक्री की जाती है | जिसके लिए मध्यस्थ और बाजार मुहैया एक्सचेंज के द्वारा कराया जाता है | भारत में मुख्य रूप से दो एक्सचेंज मौजूद हैं |
भारतीय स्टॉक एक्सचेंज का परिचय (Introduction to Indian Stock Exchange)
भारत में शेयर बाजार का संचालन मुख्य रूप से दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा किया जाता है:
- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE): यह एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है, जिसकी स्थापना 1875 में हुई थी। BSE का सेंसेक्स (SENSEX) भारत का प्रमुख सूचकांक (Index) है, जो 30 प्रमुख कंपनियों के प्रदर्शन को दर्शाता है।
- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE): NSE की स्थापना 1992 में हुई थी, और इसका प्रमुख सूचकांक निफ्टी (Nifty) है, जो 50 प्रमुख कंपनियों के प्रदर्शन को दर्शाता है।
शेयर बाजार कैसे काम करता है? (How Does the Share Market Work?)
शेयर बाजार एक नीलामी (Auction) की तरह काम करता है। कंपनियाँ अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए और बाजार से पूंजी इकठ्ठा करने के लिए शेयर जारी करती हैं, और निवेशक उन शेयरों को ख़रीदते हैं। शेयरों की कीमत बाजार में मांग और आपूर्ति के आधार पर तय होती है। अगर किसी कंपनी की वित्तीय स्थिति अच्छी होती है और लोग उसमें निवेश करना चाहते हैं, तो उसकी शेयर की कीमत बढ़ती है। अगर कंपनी की स्थिति कमजोर होती है, तो कीमत गिरती है। इसका मतलब एक पहलु ये है की कंपनी के प्रदर्शन और नीतियों से शेयर प्रभावित होते हैं |
शेयर खरीदने और बेचने की प्रक्रिया (Process of Buying and Selling Shares)
- डीमैट खाता (Demat Account): शेयर खरीदने के लिए निवेशक को सबसे पहले एक डीमैट खाता खोलना होता है। यह खाता आपके शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखने की सुविधा देता है। जैसे बैंक खाते में रोकड़ रखे जाते हैं वैसे ही डीमैट खाता में इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में शेयर रखे जाते हैं |
- ब्रोकर का चुनाव (Choosing a Broker): आपको शेयर बाजार में लेन-देन के लिए एक ब्रोकर की आवश्यकता होती है, जो आपके behalf पर शेयरों की ख़रीद-फरोख़्त करेगा। आजकल कई ऑनलाइन ब्रोकरेज प्लेटफार्म उपलब्ध हैं। ब्रोकर का चुनाव सावधानी से करना चाहिए |
- शेयर का ऑर्डर देना (Placing an Order): डीमैट खाता खोलने और ब्रोकर चुनने के बाद, आप अपने ब्रोकर के माध्यम से शेयर खरीदने या बेचने का ऑर्डर दे सकते हैं। ऑनलाइन और ऑफलाइन (कॉल पर ) भी आर्डर दे सकते हैं |
- निपटान प्रक्रिया (Settlement Process): शेयर खरीदने के बाद, उन्हें आपके डीमैट खाते में क्रेडिट किया जाता है, और अगर आप बेचते हैं, तो रकम आपके बैंक खाते में जमा की जाती है।
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शेयर बाजार में निवेश के लाभ (Benefits of Investing in the Share Market)
- लाभांश (Dividends): कंपनियां समय-समय पर अपने शेयरधारकों को मुनाफे में से एक हिस्सा लाभांश के रूप में देती हैं। यह कैश के रूप में दिया जाता है |
- बोनस शेयर (Bonus Share): जब कंपनियां समय-समय पर अपने शेयरधारकों को मुनाफे में से एक हिस्सा शेयर के रूप में देती हैं तो इसे बोनस कहा जाता है |
- पूंजी प्रशंसा (Capital Appreciation): अगर आपने किसी कंपनी के शेयर को कम कीमत पर खरीदा और बाद में उसकी कीमत बढ़ गई, तो आप इसे बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
- लिक्विडिटी (Liquidity): शेयर बाजार में शेयरों को किसी भी समय नकदी में बदला जा सकता है।
शेयर बाजार में निवेश के जोखिम (Risks of Investing in the Share Market)
- मूल्य में उतार-चढ़ाव (Price Volatility): शेयर बाजार में कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव होता रहता है, जिससे निवेश का मूल्य बदल सकता है।
- कंपनी का प्रदर्शन (Company Performance): अगर किसी कंपनी का प्रदर्शन अच्छा नहीं होता, तो उसके शेयर की कीमत गिर सकती है, जिससे निवेशकों को नुकसान हो सकता है।
- बाजार का जोखिम (Market Risk): आर्थिक मंदी, राजनीतिक अस्थिरता, और अन्य बाहरी कारकों का प्रभाव शेयर बाजार पर पड़ सकता है, जिससे नुकसान की संभावना बढ़ जाती है।
भारतीय शेयर बाजार एक जटिल लेकिन संभावनाओं से भरा हुआ प्लेटफार्म है, जो निवेशकों को मुनाफा कमाने का अवसर प्रदान करता है। लेकिन इसमें निवेश करने से पहले बाजार की पूरी जानकारी होना जरूरी है और साथ ही जोखिम को समझकर ही निवेश करना चाहिए।
शेयर बाजार में निवेश एक लंबी अवधि की प्रक्रिया है, जिसमें धैर्य और जानकारी का होना बहुत महत्वपूर्ण है। अगर सही समय पर सही निर्णय लिए जाएं, तो यह निवेश का एक शानदार तरीका हो सकता है।
FAQ: What is Share Market
शेयर बाजार क्या है? What is Share Market?
शेयर बाजार (Share Market) एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जहाँ पर कंपनियों के शेयरों (Stocks) की ख़रीद-फरोख़्त की जाती है। जब कोई कंपनी अपनी हिस्सेदारी जनता को बेचना चाहती है, तो वह अपने शेयर बाजार में लिस्ट करती है, और आम लोग उन शेयरों को ख़रीद सकते हैं। भारतीय शेयर बाजार एक महत्वपूर्ण आर्थिक संस्था है जो निवेशकों और कंपनियों के बीच पूंजी के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करती है।
भारतीय शेयर बाजार में कितने स्टॉक एक्सचेंज है ?
भारत में शेयर बाजार का संचालन मुख्य रूप से दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा किया जाता है:
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE): यह एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है, जिसकी स्थापना 1875 में हुई थी। BSE का सेंसेक्स (SENSEX) भारत का प्रमुख सूचकांक (Index) है, जो 30 प्रमुख कंपनियों के प्रदर्शन को दर्शाता है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE): NSE की स्थापना 1992 में हुई थी, और इसका प्रमुख सूचकांक निफ्टी (Nifty) है, जो 50 प्रमुख कंपनियों के प्रदर्शन को दर्शाता है।
शेयर बाजार में कितने प्रकार के होते हैं ?
प्राथमिक बाजार: (Primary Market)
जब कोई भी कंपनी बाजार से पूंजी संग्रह करने के लिए आम जनता को प्रत्यछ रूप से शेयर जारी करती है, तो इस बाजार को प्राथमिक शेयर बाजार कहते हैं | प्राथमिक शेयर बाज़ार में 3 प्रकार से शेयर जारी किये जाते हैं |
द्वितीयक बाजार (Secondry Market):
द्वितीयक बाजार वो बाजार है जहाँ पर जनता से जनता के बिच शेयर की खरीद बिक्री की जाती है | जिसके लिए मध्यस्थ और बाजार मुहैया एक्सचेंज के द्वारा कराया जाता है | भारत में मुख्य रूप से दो एक्सचेंज मौजूद हैं |
IPO क्या है ?
IPO (Initial Public Offering): जब कोई कम्पनी पहली बार आम जनता को शेयर जारी करती है तो इसे IPO कहा जाता है |
FPO क्या है ?
FPO (Follow-up Public Offering): कोई कम्पनी FPO तब जारी करती है जब वो कम्पनी पहले IPO जारी कर चुकी हो | ये भी आम जनता के लिए ही जारी की जाती है |
Right Issues क्या है ?
Right Issues: जब कोई कम्पनी IPO जारी करने के बाद फिर से बाजार से पूंजी इकठ्ठा करना चाहती है तो आम जनता के बजाय Pre Existing Shareholder को शेयर Re-issue किया जाए तो इसे Right Issues कहा जाता है |
BSE क्या है ?
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE): यह एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है, जिसकी स्थापना 1875 में हुई थी। BSE का सेंसेक्स (SENSEX) भारत का प्रमुख सूचकांक (Index) है, जो 30 प्रमुख कंपनियों के प्रदर्शन को दर्शाता है।
NSE क्या है ?
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE): NSE की स्थापना 1992 में हुई थी, और इसका प्रमुख सूचकांक निफ्टी (Nifty) है, जो 50 प्रमुख कंपनियों के प्रदर्शन को दर्शाता है।
डीमैट खाता (Demat Account) क्या होता है ?
डीमैट खाता (Demat Account): शेयर खरीदने के लिए निवेशक को सबसे पहले एक डीमैट खाता खोलना होता है। यह खाता आपके शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखने की सुविधा देता है। जैसे बैंक खाते में रोकड़ रखे जाते हैं वैसे ही डीमैट खाता में इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में शेयर रखे जाते हैं |
लाभांश (Dividends) क्या होता है ?
लाभांश (Dividends): कंपनियां समय-समय पर अपने शेयरधारकों को मुनाफे में से एक हिस्सा लाभ के अंश के रूप में देती हैं। यह कैश के रूप में दिया जाता है |
बोनस शेयर (Bonus Share ) क्या होता है ?
बोनस शेयर (Bonus Share): जब कंपनियां समय-समय पर अपने शेयरधारकों को मुनाफे में से एक हिस्सा शेयर के रूप में देती हैं तो इसे बोनस शेयर कहा जाता है |
What is Dematerialisation?
Dematerialisation एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें Shareholders के शेयर के भौतिक अवस्था (Physical Form of Shares ) को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म (Electronic Form of Shares ) में बदला जाता है | इस पूरी प्रक्रिया को Dematerialisation कहते हैं |